हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना 2022: HP Parvat Dhara Yojana Details

सारांश : हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना 2022 ऑनलाइन आवेदन करें –हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना क्या है, सुविधाएँ, लाभ और ऑफिसियल वेबसाइट himachalpr.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन की स्थिति की जाँच करें ।

हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना क्या है?

हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना को हिमाचल सरकार द्वारा 2 मई 2022 को शुरू किया गया है। इस योजना के जरिये सरकार जंगलों में पानी के प्रकृतिक संसाधनों (नेचुरल रिसोर्स) को कंज़र्व करके भूमि जल को इंक्रीस करेगी। जिसमे वन या ढलान युक्त क्षेत्रों में सिंचाई के तालाब व जल के संरक्षण के लिए डैम का भी निर्माण किया जायेगा। इस योजना का उद्देश्य धरती पर अधिक समय तक पानी का ठहराव करना है, जिससे जल स्तर में वृद्धि होगी। योजना के तहत अन्य वन मंडलों को भी शामिल किया जाएगा। 

HP Parvat Dhara Yojana के अंतर्गत जल स्रोतों के जीर्णोद्धार और ढलान दार खेतों में सिंचाई के लिए बड़े-बड़े जल संचयन ढांचों का निर्माण किया जाएगा जिससे वनों को पूर्ण रूप से जल की प्राप्ति हो सके। हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना को 10 मंडलों में पायलट आधार पर आरंभ किया गया है जिसके अंतर्गत लगभग 2.76 करोड़ रुपए का खर्च किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत 110 छोटे बड़े तालाब, 600 चेक डैम व चेक वॉल एवं 12000 कंटूर ट्रेन का निर्माण किया जाएगा।

सभी आवेदक जो ऑनलाइन आवेदन करने के इच्छुक हैं, फिर आधिकारिक अधिसूचना डाउनलोड करें और सभी पात्रता मानदंड और आवेदन प्रक्रिया को ध्यान से पढ़ें। हम “ हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना 2022 ” के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्रदान करेंगे जैसे योजना लाभ, पात्रता मानदंड, योजना की मुख्य विशेषताएं, आवेदन की स्थिति, आवेदन प्रक्रिया और बहुत कुछ।

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हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना 2022 भूजल में होगी वृद्धि

HP Parvat Dhara Yojana Online Registration, Application Form PDF Download, Eligibility, Features, Benefits

हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकार ने एक्वीफर्स (भूमिगत परत जिसमें पानी होता है) को पुनर्जीवित, पुनर्भरण करने और राज्य में पानी के प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए पर्वत धारा योजना शुरू की है। इस योजना को प्रदेश में लाहुल-स्पीति एवं किन्नौर को छोड़कर शेष जिलों में क्रियान्वित किया जा रहा है। इसमें जल शक्ति विभाग नोडल विभाग के तौर पर कार्य करेगा। हिमाचल प्रदेश में दो-तिहाई भूभाग में वन हैं।

 इससे भूजल स्तर में वृद्धि होगी। योजना को 10 वन मंडलों में पायलट आधार पर आरंभ किया गया है। इनमें दो करोड़ 76 लाख रुपये खर्च होंगे। इसके तहत 110 छोटे-बड़े तालाब, 600 विभिन्न प्रकार के चेक डैम व चेक वॉल, 12 हजार कन्टूर ट्रैंच का निर्माण होगा। इसके अलावा पौधारोपण भी होगा।

हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना के तहत शामिल वन मंडल

सरकार ने इस योजना को राज्य के लाहौल और स्पीति मंडलों को छोड़कर अन्य सभी 10 मंडलों में लागू किया है। यह मंडल निम्नलिखित इस प्रकार है।

  • बिलासपुर
  • हमीरपुर
  • पार्वती
  • नाचन
  • राजगढ़
  • नालागढ़
  • ठियोग
  • नूरपुर
  • जोगिंद्रनगर
  • डलहौज़ी

HP Parvat Dhara Yojana 2022 – Overview

योजना का नामहिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना
भाषा मेंHP Parvat Dhara Yojana (HP PDY)
शुरू की गई मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी के द्वारा
संबंधित विभागवन विभाग
प्रमुख लाभवन क्षेत्रों में सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध करवाकर आसानी प्रदान करना। 
योजना का उद्देश्यराज्य के वन क्षेत्र में जल स्तर को बढ़ाना 
बजट2 करोड़ 76 लाख रुपए
योजना के तहत शामिल मंडल10 वन मंडल
योजना के तहतराज्य सरकार
राज्य का नामहिमाचल
पोस्ट श्रेणीयोजना/Yojana
आधिकारिक वेबसाइटhimachalpr.gov.in

हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना 2022 के उद्देश्य

योजना को शुरू करने का उद्देश्य जल को सुरक्षित रखना है ताकि भविष्य में हमारी आगे की पड़ी को पानी के लिए यहाँ-वहां ना भटकना पड़े। हिमाचल प्रदेश का 27% भाग फॉरेस्ट कवरेज के अंतर्गत है और ऐसे में इन क्षेत्रों को सिंचाई के लिए अधिक जल स्तर की आवश्यकता पड़ती है। परंतु जलस्तर में कमी होने के कारण इन क्षेत्रों के वनों को काफी नुकसान पहुंचता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश के वन विभाग द्वारा हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना का शुभारंभ किया गया है।

हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना लाभ

  • इस योजना का लाभ प्रदेश के बिलासपुर, हमीरपुर, जोगिंद्रनगर, नाचन, पार्वती, नूरपुर, राजगढ़, नालागढ़, योग एवं इलहोजी वन मंडलों को मिलेगा।
  • वन या ढलान युक्त क्षेत्रों में सिंचाई के तालाब व जल के संरक्षण के लिए डैम का भी निर्माण किया जायेगा। योजना के माध्यम से वाटर कलेक्शन और मैनेजमेंट का कार्य किया जायेगा।
  • जल और मिट्टी दोनों को संरक्षित किया जा सकेगा और राज्य में लंबे समय तक जल की आपूर्ति की जा सकेगी।
  • इन वन मंडलों में इस योजना के माध्यम से 110 छोटे छोटे तालाब, विभिन्न प्रकार के 600 चेक डैम व चेक वॉल और 12000 कन्टूर ट्रैंच का निर्माण कार्य किया जाएगा।
  • हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना 2022 के माध्यम से राज्य में जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
  • इस योजना के माध्यम से विलुप्त हो रहे जल स्रोतों के जीर्णोद्धार  और ढलानदार खेतों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु छोटे-बड़े जल संचायन ढांचों का निर्माण कार्य किया जाएगा। निर्माण करने के साथ साथ उनका रखरखाव भी किया जाएगा‌।

HP Parvat Dhara Yojana की विशेषताएं

  • प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी के द्वारा HP Parvat Dhara Yojana को शुरू करने की घोषणा की गई थी।
  • Himachal Pradesh Parvat Dhara Yojana को राज्य के लाहुल स्पीति किन्नौर को छोड़कर शेष जिलों में आरंभ किया गया है।
  • यह योजना प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिलों को छोड़कर अन्य सभी 10 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू की गई है।
  • इस योजना के अंतर्गत बड़े तालाब चेक डैम एवं कंट्रोल टैंक का निर्माण किया जाएगा जिससे जल स्तर में किसी भी प्रकार की कमी ना आए।
  • इस योजना के तहत विलुप्त हो रहे जलस्रोतों के जीर्णोद्धार और ढलानदार खेतों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए वन विभाग की ओर से छोटे-बडे़ जल संचायन ढांचों का निर्माण कार्य शुरू किया गया है।
  • हिमाचल प्रदेश का दो तिहाई भूभाग में वन है और 27% भूभाग हरित आवरण से ढका हुआ है।
  • इस योजना के संचालन पर 2 करोड़ 76 लाख रुपए ‌ का खर्च किया जाएगा।

हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना के ​​लिए आवेदन कैसे करें

हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा वन क्षेत्रों में पानी के प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए Himachal Pradesh Parvat Dhara Yojana का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के माध्यम से वन क्षेत्रों में पानी की उपलब्धियों के लिए विभिन्न जल स्रोतों जैसे तालाब चेक डैम कंटूर चेक पौधरोपण का निर्माण किया जाएगा। 

हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना में जल स्तर को कैसे बढ़ाया जाएगा?

सरकार द्वारा इस योजना के तहत जल स्तर को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के छोटे बड़े तालाबों, चैक डैम व चेक वॉल का निर्माण किया जाएगा। ताकि भूमि में जल को अधिक समय तक रोका जा सके। ऐसा करने से मुद्रा एवं जल संसाधनों के कामों में सुधार आएगा और जल स्तर में बढ़ोतरी होने पर स्थानीय लोगों को खेती में सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में जल मिल सकेगा।

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